आयुर्वेदीय घरेलु उपचार
1. नींबू/ निम्बू (Citrus limon Linn.)
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लू लगना / पानी की कमी : एक गिलास पानी में एक नींबू के रस की शिकंजी बना नमक एवं खाँड मिला कर पिलावें।
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अपचन : भोजन से पहले थोड़ा-सा सेंधा नमक एवं कालीमिर्च, आधे नींबू में डाल कर थोड़ा गरम करके चूसें।
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भूख न लगना : एक चम्मच नींबू के रस में थोड़ी काली मिर्च एवं सेंधा नमक मिलाकर भोजन से पूर्व पानी के साथ लें।
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मसूडों से खून आना : नींबू के फल का छिलका पीसकर दिन में 2 बार नियमित रूप से मसूडों पर मलें।
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बालों का झड़ना : नींबू के फल के छिलकों को कूटकर नारियल के तेल में पकाकर सिर में मालिश करें।
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उल्टी : 5-10 मि.ली. रस को खांड एवं थोड़ा नमक डालकर थोड़ा पानी मिलाकर थोड़ी-थोड़ी देर में बार-बार देना चाहिए। ½ चम्मच नींबू का रस, कालीमिर्च चूर्ण ½ ग्राम एवं काला नमक 1 ग्राम का घोल बना लें। इसे 1-1 घूंट लेने से वमन में लाभ होता है।
2. आंवला / आमलकी (Emblica officinalis Gaertn.)
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बालों का गिरना/बाल सफेद होना/रूसी : फलों को कूट कर रात भर पानी में डुबा कर रखें, नहाने से एक घन्टे पूर्व सिर पर लगाए । 1-2 ताजे फल नित्य प्रातः खाने से बालों को असामायिक सफेद होने से रोकता है।
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मधुमेह : 10-20 मि.लि. ताजे फलों का रस तथा इतनी ही मात्रा में ताजी हल्दी के रस को दिन में 2 बार लें।
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तनाव : 25-50 ग्रा. फलों को छाछ में पीस कर मांथे पर लेप करें।
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अम्लता / कब्ज : 3 से 5 फलों के चूर्ण को दिन में दो बार दूध से लें अथवा 10-20 मि.लि. फलों का रस दिन में 2 बार लें अथवा कच्चा आंवला भी खा सकते है।
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मसूडों से खून आना : आंवले के बारीक चूर्ण से दाँतो पर हल्के हाथों से मन्जन करें।
3. हल्दी/हरिद्रा (Curcuma longa Linn.)
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त्वचा एलर्जी : 1-3 ग्राम पाउडर गुड़ के साथ दिन में दो बार लें।
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मुहांसे : प्रभावित जगह पर इसका लेप दिन में दो बार जल या दूध के साथ मिलाकर प्रयोग करें या इसके क्रीम का चेहरे पर नियमित लेप करें।
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मधुमेह : इसका 10 मि.लि. ताजा रस दिन में दो बार लें।
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सर्दी : इसका 2 gram. पाउडर गुन-गुने दूध एवं मिश्री के साथ दिन में दो बार लें।
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घाव/अल्सर/त्वचा रोग : हल्दी के काढ़े से घाव साफ किया जाए तथा घी/नारियल तेल के साथ लेप बनाकर प्रभावित स्थान पर लगाऐं।
4. तुलसी (Ocimum sanctum Linn.)
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बुखार : 20-25 तुलसी के पत्तों एवं 3 ग्राम धनियाँ का 30 मि.लि. काढ़ा दिन में तीन बार दें।
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खांसी / जुकाम : 5-10 मि.ली. पत्तों का रस दो या तीन बार शहद के साथ लें। तुलसी की 8-10 पत्ती, 2 लौंग, 5 ग्राम अदरक, 4 कालीमिर्च को मोटा पीसकर गिलास पानी में उबाल कर चौथाई रह जाने पर छान कर लें।
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चर्म रोग (एलर्जी) : 5-10 मि.ली. पत्तों का रस दिन में तीन बार लें।
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अजीर्ण / भूख न लगना : 5-10 मि.ली. पत्तों का रस दिन में दो बार एक सप्ताह तक लें।
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बाल सफेद होना : तुलसी के रस को नारियल के तेल में पकाकर नियमित रूप से लगावें।
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घाव : तुलसी का रस शहद और हल्दी के साथ लगायें।
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कान में दर्द : तुलसी का रस 2-3 बूंद गरम करके 2-3 बार कान में डालें (कान बहने की स्थिति में उपयोग न करें।
5. प्याज, पलाण्डु (Allium cepa Linn.)
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लू लगना : लू लगने से बचाव के लिए प्याज का सेवन पर्याप्त मात्रा में करना चाहिए।
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अजीर्ण : 5-10 ग्राम प्याज के रस में थोड़ा सेंधा नमक मिलकर लेने से अजीर्ण की शिकायत नहीं रहती है।
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सर्दी/खाँसी/जुकाम : 10 ग्राम प्याज के टुकड़े के काढ़े में थोड़ा गुड़ डाल कर दिन में तीन बार दें।
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पेचिस : सफेद प्याज के बारीक टुकड़े करके घी में भूनकर चावल के साथ खाना चाहिए। सफेद प्याज का सेवन करना विशेष अच्छा माना जाता है।