सर्दी के मौसम में एलर्जी की समस्या
ठंडी हवाएं, सुबह और रात को कोहरा, दिन में हल्की धूप और कभी बारिश। ऐसे में यह शीत मौसम सजा की तरह लगने लगता है। खासकर बढ़ती एलर्जी की वजह से परेशानी काफी बढ़ जाती है और हम इस मौसम से छुटकारा पाने के लिए बेताब दिखने लगते हैं। आपकी भी परेशानी ऐसी ही है तो इससे बचे रहने या तनाव के लिए उपाय ढूंढ़ ही रहे होंगे।
मौसम की परेशानी का सबब फेफड़े संबंधी शिकायत यह मौसम सबसे ज्यादा परेशानी का सबब उन लोगों के लिए बन जाता है, जिन्हें फेफड़े संबंधी कोई शिकायत है या जिनका फेफड़ा कमजोर होता है। इस मौसम में ब्रोंकाइटिस, अस्थमा आदि का खतरा बढ़ जाता है। जिनके फेफड़े कमजोर होते हैं, उनमें इस मौसम में बैक्टीरियल और वायरल संक्रमण का खतरा अधिक बढ़ जाता है।
धूल और ठंडी हवा से सांस की नली भी सिकुड़ सकती है, जिससे श्वास संबंधी एलर्जी के शिकार होने वालों के लिए तकलीफ बढ़ जाती है।
एलर्जी होने पर लोगों को एलर्जी के कारण छींक बहुत आती है। सांस लेने में तकलीफ होती है। और कई बार वे काफी हांफने लगते हैं। किसी भी गंध या धूल से परेशानी हो सकती है या छींक आ सकती है। इस तरह की एलर्जी में रोगी की स्थिति को देखते हुए इलाज किया जाता है। आमतौर पर इनको उच्च एंटीबायटिक दी जाती है। स्थिति के मुताबिक नेबुलाइजर का भी | उपयोग किया जाता है। एलर्जी और तकलीफ को कम करने के लिए दवा दी जाती है, जो इंजेक्शन के तौर पर हो सकती है। तकलीफ अधिक बढ़ने पर हॉस्पिटल में जांच के लिए रखना पड़ सकता है। फेफड़े या श्वास से जुड़ी समस्या हो या एलर्जी वालों को बुखार या खांसी-जुकाम जल्दी ठीक न हो तो डॉक्टरों से जांच करवा लेनी चाहिए।
घर में एलर्जी के कारण हैं तो घर के भीतर के एलर्जी के कारणों से बचें जैसे धूल, परफ्यूम, पालतू जानवर के फर और बाल ठंडी हवाओं आदि के संपर्क में न आएं, इसका ध्यान रखना चाहिए।
घर में हल्के-फुल्के व्यायाम करें। जितना संभव हो सके, सीढ़ियां चढ़ें, ताकि थोड़ा व्यायाम सके। डॉक्टर द्वारा बताए गए व्यायाम जरूर करें।
त्वचा संबंधी एलर्जी
इस मौसम त्वचा संबंधी कई तरह की एलर्जी की आशंका रहती है। इससे त्वचा की अनेक परेशानियों खतरा बढ़ जाता इनमें डर्मेटाइटिस, एग्जीमा आदि प्रमुख है। यही नहीं त्वचा में दरारें, चकत्ते, संक्रमण आदि का भी काफी खतरा रहता है। खासकर सर्दी में त्वचा की नमी काफी कम हो जाती है। नमी की कमी त्वचा की एलर्जी के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार होती है। वैसे त्वचा की प्रकृति और परेशानी के अनुरूप ही इसका उपचार किया जाता है।
इन्हें जरूर अपनाएं
इस मौसम में एलर्जी से बचने के लिए -
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बेडशीट गर्म पानी से साफ करें, ताकि सारे कण अच्छे से निकल जाएं।
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रग्स आदि को साफ रखें। घर को अच्छी तरह साफ करके रखें।
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दीवारों पर भी फंगल न लगने दें, ताकि घर के भीतर के एलर्जी के कण से बचे रहें।
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घर में नमी को बनाए रखें।
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आपको जिस तरह की एलर्जी की शिकायत हो, उसके मुख्य कारण पर ध्यान देते हुए दवाओं का ध्यान रखें और डॉक्टर की सलाह से दवा की खुराक लें।
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घर में पालतू जानवर हैं तो उन्हें बेडरूम में लाने से बचें।
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बाहर निकलने पर स्कार्फ या मफलर का प्रयोग अवश्य करें और बाहर कदम रखने से पहले गहरी सांस लें।
इस मौसम को मस्ती से बिताना है तो बेहद आवश्यक है कि गर्म तरल पदार्थ का सेवन बढ़ा दें।
इन बातों का भी ध्यान रखें
- खूब पानी पीना चाहिए
- पर्याप्त आराम करे
- गर्म कपड़े पहनकर रहे
- आंख और नाक अच्छी तरह ढक कर रखें
- सनस्क्रीन और मॉश्चराइजर का त्वचा पर भरपूर इस्तेमाल करें।
एक्जिमा से लेकर अस्थमा तक के लक्षण कुछ खाद्य वस्तुओं के सेवन से पनप सकते हैं। इनमें दूध, योगर्ट, चीज, आइसक्रीम, केला, खीरा और अंडों जैसे खाद्य पदार्थ शामिल हैं। यानी ऐसे लोगों को इन चीजों के उपयोग से बचना चाहिए। मेटाबॉलिज्म बढ़ाने और शरीर का तापमान स्थिर रखने के लिए शरीर को अधिक पोषक तत्वों की जरूरत पड़ती है। इसलिए ओमेगा-३ फैटी एसिड युक्त चीजें खाएं, जिनमें एलर्जी से लड़ने वाले प्राकृतिक एंटी-इनफ्लेमेटरी तत्व हो । ओमेगा-३ के अच्छे स्त्रोतों में सोयाबीन, लौकी के बीज, अखरोट और सामन मछली शामिल हैं। मांसाहारियों के लिए मछली सबसे अच्छा विकल्प है। फलों का रस और ग्रीन-टी को अपने खानपान में प्रमुखता से शामिल करना चाहिए।
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