सुवर्ण प्राशन का अर्थ है सोने की भस्म को शहद और अन्य जड़ी-बूटियों के रस के साथ बच्चों को देने की प्रक्रिया। शुभ पुष्य नक्षत्र पर बच्चे के लिए स्वर्णप्राशन करने की सलाह दी जाती है।
स्वर्णप्राशन के लिए पुष्य नक्षत्र की तिथियाँ 2021
- 01 जनवरी 2021 (शुक्रवार)
- 28 जनवरी 2021 (गुरुवार)
- 24 फरवरी 2021 (बुधवार) समय: 01:17 अपराह्न से 25 फरवरी 2021 (गुरुवार) समय: 01:17 अपराह्न
- 24 मार्च 2021 (बुधवार)
- 20 अप्रैल 2021 (मंगलवार) समय: 06:52 AM से 21 अप्रैल 2021 (बुधवार) 07:59 AM.
- 17 मई 2021 (सोमवार) समय: दोपहर 01:22 से 18 मई 2021 (मंगलवार) दोपहर 02:55 बजे तक
- 14 जून 2021 (सोमवार)
- 11 जुलाई 2021 (रविवार)
- 07 अगस्त 2021 (रविवार) समय: 08:15 AM से 08 अगस्त 2021 (सोमवार) 09:19 AM.
- 03 सितंबर 2021 (शुक्रवार) समय: 04:42 अपराह्न से 04 सितंबर 2021 (शनिवार) समय: 05:45 अपराह्न
- 01 अक्टूबर 2021 (शुक्रवार)
- 28 अक्टूबर 2021 (गुरुवार) समय: 09:41 AM से 29 अक्टूबर 2021 (शुक्रवार) समय: 11:38 AM
- 24 नवंबर 2021 (बुधवार) समय: 04:29 अपराह्न से 25 नवंबर 2021 (गुरुवार) समय: 06:49 अपराह्न
- 22 दिसंबर 2021 (बुधवार)
पुष्य नक्षत्र में स्वर्णप्राशन
दीपक आयुर्वेदिक सेंटर के अध्यक्ष डॉ. दीपक राठी ने बताया कि स्वर्ण भस्म शरीर में जाकर पूरे शरीर के असंतुलन या विकृति को सही करती है। स्वर्णप्राशन पुष्य नक्षत्र पर किया जाता है क्योंकि इस दिन ग्रहों की शक्तियां ज्यादा होती हैं और इसके विशेष लाभ देखने को मिलते हैं। पुष्य नक्षत्र हर महीने में एक बार आता है। पुष्य नक्षत्र पर बच्चों को लगातार 5 से 7 साल तक स्वर्णप्राशन करने से शरीर के प्रत्येक अंग-प्रत्यंग की शक्ति और क्षमताओं की वृद्धि होती है और रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।